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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

तेइ दोउ बंधु प्रेम जनु जीते। गुर पद कमल पलोटत प्रीते॥ बार बार मुनि अग्या दीन्ही। रघुबर जाइ सयन तब कीन्ही॥3॥

Spread the Glory of Sri SitaRam!

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चौपाई : 

तेइ दोउ बंधु प्रेम जनु जीते। गुर पद कमल पलोटत प्रीते॥
बार बार मुनि अग्या दीन्ही। रघुबर जाइ सयन तब कीन्ही॥3॥

भावार्थ:

वे ही दोनों भाई मानो प्रेम से जीते हुए प्रेमपूर्वक गुरुजी के चरण कमलों को दबा रहे हैं। मुनि ने बार-बार आज्ञा दी, तब श्री रघुनाथजी ने जाकर शयन किया॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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