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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

 तेहि सन जागबलिक पुनि पावा। तिन्ह पुनि भरद्वाज प्रति गावा॥ ते श्रोता बकता समसीला। सवँदरसी जानहिं हरिलीला॥3॥

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श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
चौपाई 29.3|  |Caupāī 29.3

 तेहि सन जागबलिक पुनि पावा। तिन्ह पुनि भरद्वाज प्रति गावा॥
ते श्रोता बकता समसीला। सवँदरसी जानहिं हरिलीला॥3॥

भावार्थ:-उन काकभुशुण्डिजी से फिर याज्ञवल्क्यजी ने पाया और उन्होंने फिर उसे भरद्वाजजी को गाकर सुनाया। वे दोनों वक्ता और श्रोता (याज्ञवल्क्य और भरद्वाज) समान शील वाले और समदर्शी हैं और श्री हरि की लीला को जानते हैं॥3॥

tēhi sana jāgabalika puni pāvā. tinha puni bharadvāja prati gāvā..
tē śrōtā bakatā samasīlā. savaomdarasī jānahiṃ harilīlā..

And it was Yajnavalkya who received it from the latter (Kakabhusundi) and narrated it to Bharadvaja. Both these, the listener (Bharadvaja) and the reciter (Yajnavalkya), are equally virtuous; they view all alike and are acquainted with the pastimes of Sri Hari.

 


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