तौ मैं बिनय करउँ कर जोरी। छूटउ बेगि देह यह मोरी॥ जौं मोरें सिव चरन सनेहू। मन क्रम बचन सत्य ब्रतु एहू॥4॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
चौपाई (58.4) | Caupāī (58.4)
तौ मैं बिनय करउँ कर जोरी। छूटउ बेगि देह यह मोरी॥
जौं मोरें सिव चरन सनेहू। मन क्रम बचन सत्य ब्रतु एहू॥4॥
भावार्थ:-तो मैं हाथ जोड़कर विनती करती हूँ कि मेरी यह देह जल्दी छूट जाए। यदि मेरा शिवजी के चरणों में प्रेम है और मेरा यह (प्रेम का) व्रत मन, वचन और कर्म (आचरण) से सत्य है,॥4॥
tau maiṃ binaya karauom kara jōrī. chūṭau bēgi dēha yaha mōrī..
jauṃ mōrē siva carana sanēhū. mana krama bacana satya bratu ēhū..
I beseech with joined palms. O Lord, that I may be speedily rid of this body of mine. If I have any devotion to the feet of Siva and if I am true to my vow in thought, word and deed.