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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

देस काल अवसर अनुसारी। बोले बचन बिनीत बिचारी॥ तात कहउँ कछु करउँ ढिठाई। अनुचितु छमब जानि लरिकाई॥3॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
द्वितीय सोपान | Descent Second
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चौपाई

देस काल अवसर अनुसारी। बोले बचन बिनीत बिचारी॥
तात कहउँ कछु करउँ ढिठाई। अनुचितु छमब जानि लरिकाई॥3॥

भावार्थ:

देश, काल और अवसर के अनुकूल विचार कर विनीत वचन कहे- हे तात! मैं कुछ कहता हूँ, यह ढिठाई करता हूँ। इस अनौचित्य को मेरी बाल्यावस्था समझकर क्षमा कीजिएगा॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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