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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

 परम पुनीत न जाइ तजि किएँ प्रेम बड़ पापु। प्रगटि न कहत महेसु कछु हृदयँ अधिक संतापु॥56॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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दोहा 56 | Dohas 56

 परम पुनीत न जाइ तजि किएँ प्रेम बड़ पापु।
प्रगटि न कहत महेसु कछु हृदयँ अधिक संतापु॥56॥

भावार्थ:-सती परम पवित्र हैं, इसलिए इन्हें छोड़ते भी नहीं बनता और प्रेम करने में बड़ा पाप है। प्रकट करके महादेवजी कुछ भी नहीं कहते, परन्तु उनके हृदय में बड़ा संताप है॥56॥

parama punīta na jāi taji kiēom prēma baḍa pāpu.
pragaṭi na kahata mahēsu kachu hṛdayaom adhika saṃtāpu..56..

Sats is too chaste to be abandoned, and it is a great sin to love her any more as a wife. The great Lord Siva uttered not a word aloud, although there was great agony in His heart.

 


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