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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

परिजन पुरजन प्रजा बोलाए। समाधानु करि सुबस बसाए॥ सानुज गे गुर गेहँ बहोरी। करि दंडवत कहत कर जोरी॥3॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

परिजन पुरजन प्रजा बोलाए। समाधानु करि सुबस बसाए॥
सानुज गे गुर गेहँ बहोरी। करि दंडवत कहत कर जोरी॥3॥

भावार्थ:

भरतजी ने फिर परिवार के लोगों को, नागरिकों को तथा अन्य प्रजा को बुलाकर, उनका समाधान करके उनको सुखपूर्वक बसाया। फिर छोटे भाई शत्रुघ्नजी सहित वे गुरुजी के घर गए और दंडवत करके हाथ जोड़कर बोले-॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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