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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

पुरजन परिजन प्रजा गोसाईं। सब सुचि सरस सनेहँ सगाईं॥ राउर बदि भल भव दुख दाहू। प्रभु बिनु बादि परम पद लाहू॥1॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

 पुरजन परिजन प्रजा गोसाईं। सब सुचि सरस सनेहँ सगाईं॥
राउर बदि भल भव दुख दाहू। प्रभु बिनु बादि परम पद लाहू॥1॥

भावार्थ:

हे गोसाईं! आपके प्रेम और संबंध में अवधपुर वासी, कुटुम्बी और प्रजा सभी पवित्र और रस (आनंद) से युक्त हैं। आपके लिए भवदुःख (जन्म-मरण के दुःख) की ज्वाला में जलना भी अच्छा है और प्रभु (आप) के बिना परमपद (मोक्ष) का लाभ भी व्यर्थ है॥1॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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