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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

बनचर कोल किरात बिचारे। थके बिलोकि पथिक हियँ हारे॥ आश्रम उदधि मिली जब जाई। मनहुँ उठेउ अंबुधि अकुलाई॥3॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

बनचर कोल किरात बिचारे। थके बिलोकि पथिक हियँ हारे॥
आश्रम उदधि मिली जब जाई। मनहुँ उठेउ अंबुधि अकुलाई॥3॥

भावार्थ:

वन में विचरने वाले बेचारे कोल-किरात ही यात्री हैं, जो उस नदी को देखकर हृदय में हारकर थक गए हैं। यह करुणा नदी जब आश्रम-समुद्र में जाकर मिली, तो मानो वह समुद्र अकुला उठा (खौल उठा)॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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