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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

बार बार करि बिनय बड़ाई। रघुपति चले संग सब भाई॥ जनक गहे कौसिक पद जाई। चरन रेनु सिर नयनन्ह लाई॥1॥

Spread the Glory of Sri SitaRam!

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चौपाई : 

 बार बार करि बिनय बड़ाई। रघुपति चले संग सब भाई॥
जनक गहे कौसिक पद जाई। चरन रेनु सिर नयनन्ह लाई॥1॥

भावार्थ:

जनकजी की बार-बार विनती और बड़ाई करके श्री रघुनाथजी सब भाइयों के साथ चले। जनकजी ने जाकर विश्वामित्रजी के चरण पकड़ लिए और उनके चरणों की रज को सिर और नेत्रों में लगाया॥1॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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