बार बार प्रभु पद सिरु नाई। प्रेम सहित सब कथा सुनाई॥7॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
तृतीय सोपान | Descent Third
श्री अरण्यकाण्ड | Shri Aranya-Kand
चौपाई :
बार बार प्रभु पद सिरु नाई।
प्रेम सहित सब कथा सुनाई॥7॥
भावार्थ:
बार-बार प्रभु के चरणों में सिर नवाकर, प्रेम सहित उसने सब कथा सुनाई॥7॥
English :
IAST :
Meaning :