बैदेहि अनुज समेत। मम हृदयँ करहु निकेत॥ मोहि जानिऐ निज दास। दे भक्ति रमानिवास।।8।।
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
षष्ठः सोपानः | Descent 6th
श्री लंकाकाण्ड | Shri Lanka Kand
छंद :
बैदेहि अनुज समेत। मम हृदयँ करहु निकेत॥
मोहि जानिऐ निज दास। दे भक्ति रमानिवास।।8।।
भावार्थ:
श्रीजानकीजी और छोटे भाई लक्ष्मणजी सहित मेरे हृदय में अपना घर बनाइए। हे रमानिवास! मुझे अपना दास समझिए और अपनी भक्ति दीजिए।।8॥
IAST :
Meaning :