भयउ निमिष महँ अति अँधिआरा। बृष्टि होइ रुधिरोपल छारा॥6॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
षष्ठः सोपानः | Descent 6th
श्री लंकाकाण्ड | Shri Lanka Kand
चौपाई :
भयउ निमिष महँ अति अँधिआरा।
बृष्टि होइ रुधिरोपल छारा॥6॥
भावार्थ:
पलभर में अत्यंत अंधकार हो गया। खून, पत्थर और राख की वर्षा होने लगी॥6॥
English :
IAST :
Meaning :