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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

मन क्रम बचन सो जतन बिचारेहु। रामचंद्र कर काजु सँवारेहु॥ भानु पीठि सेइअ उर आगी। स्वामिहि सर्ब भाव छल त्यागी॥2॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

मन क्रम बचन सो जतन बिचारेहु। रामचंद्र कर काजु सँवारेहु॥
भानु पीठि सेइअ उर आगी। स्वामिहि सर्ब भाव छल त्यागी॥2॥

भावार्थ:

मन, वचन तथा कर्म से उसी का (सीताजी का पता लगाने का) उपाय सोचना। श्री रामचंद्रजी का कार्य संपन्न (सफल) करना। सूर्य को पीठ से और अग्नि को हृदय से (सामने से) सेवन करना चाहिए, परंतु स्वामी की सेवा तो छल छोड़कर सर्वभाव से (मन, वचन, कर्म से) करनी चाहिए॥2॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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