मास दिवस महुँ कहा न माना। तौ मैं मारबि काढ़ि कृपाना॥5॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
पंचमः सोपान | Descent 5th
श्री सुंदरकाण्ड | Shri Sunderkand
चौपाई :
मास दिवस महुँ कहा न माना।
तौ मैं मारबि काढ़ि कृपाना॥5॥
भावार्थ:
यदि महीने भर में यह कहा न माने तो मैं इसे तलवार निकालकर मार डालूँगा॥5॥
English :
IAST :
Meaning :