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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

राखि राम रुख धरमु ब्रतु पराधीन मोहि जानि। सब कें संमत सर्ब हित करिअ प्रेमु पहिचानि॥293॥

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दोहा

राखि राम रुख धरमु ब्रतु पराधीन मोहि जानि।
सब कें संमत सर्ब हित करिअ प्रेमु पहिचानि॥293॥

भावार्थ:

अतएव मुझे पराधीन जानकर (मुझसे न पूछकर) श्री रामचन्द्रजी के रुख (रुचि), धर्म और (सत्य के) व्रत को रखते हुए, जो सबके सम्मत और सबके लिए हितकारी हो आप सबका प्रेम पहचानकर वही कीजिए॥293॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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