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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

राम कीन्ह चाहहिं सोइ होई। करै अन्यथा अस नहिं कोई॥ संभु बचन मुनि मन नहिं भाए। तब बिरंचि के लोक सिधाए॥1॥

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चौपाई :

 राम कीन्ह चाहहिं सोइ होई। करै अन्यथा अस नहिं कोई॥
संभु बचन मुनि मन नहिं भाए। तब बिरंचि के लोक सिधाए॥1॥

भावार्थ:

श्री रामचन्द्रजी जो करना चाहते हैं, वही होता है, ऐसा कोई नहीं जो उसके विरुद्ध कर सके। श्री शिवजी के वचन नारदजी के मन को अच्छे नहीं लगे, तब वे वहाँ से ब्रह्मलोक को चल दिए॥1॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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