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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

राम लखन सिय रूप निहारी। पाइ नयन फलु होहिं सुखारी॥ सजल बिलोचन पुलक सरीरा। सब भए मगन देखि दोउ बीरा॥2॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

राम लखन सिय रूप निहारी। पाइ नयन फलु होहिं सुखारी॥
सजल बिलोचन पुलक सरीरा। सब भए मगन देखि दोउ बीरा॥2॥

भावार्थ:

श्री राम, लक्ष्मण और सीताजी का रूप देखकर, नेत्रों का (परम) फल पाकर वे सुखी होते हैं। दोनों भाइयों को देखकर सब प्रेमानन्द में मग्न हो गए। उनके नेत्रों में जल भर आया और शरीर पुलकित हो गए॥2॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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