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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

रामु सनेह सकोच बस कह ससोच सुरराजु। रचहु प्रपंचहि पंच मिलि नाहिं त भयउ अकाजु॥294॥

Spread the Glory of Sri SitaRam!

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दोहा

रामु सनेह सकोच बस कह ससोच सुरराजु।
रचहु प्रपंचहि पंच मिलि नाहिं त भयउ अकाजु॥294॥

भावार्थ:

देवराज इन्द्र सोच में भरकर कहने लगे कि श्री रामचन्द्रजी तो स्नेह और संकोच के वश में हैं, इसलिए सब लोग मिलकर कुछ प्रपंच (माया) रचो, नहीं तो काम बिगड़ा (ही समझो)॥294॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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