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स्तुति चालीसा संग्रह | Collection of Stuti Chalisa

श्रीरामद्वादशनामस्तोत्रम्

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श्रीरामद्वादशनामस्तोत्रम्

प्रथमं श्रीधरं विद्याद्द्वितीयं रघुनायकम् ।
तृतीयं रामचन्द्रं च चतुर्थं रावणान्तकम् ॥ १॥

पञ्चमं लोकपूज्यं च षष्ठमं जानकीपतिम् ।
सप्तमं वासुदेवं च श्रीरामं चाष्टमं तथा ॥ २॥

नवमं जलदश्यामं दशमं लक्ष्मणाग्रजम् ।
एकादशं च गोविन्दं द्वादशं सेतुबन्धनम् ॥ ३॥

द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छ्रद्धयान्वितः ।
अर्धरात्रे तु द्वादश्यां कुष्ठदारिद्र्यनाशनम् ॥ ४॥

अरण्ये चैव सङ्ग्रामे अग्नौ भयनिवारणम् ।
ब्रह्महत्या सुरापानं गोहत्याऽऽदि निवारणम् ॥ ५॥

सप्तवारं पठेन्नित्यं सर्वारिष्टनिवारणम् ।
ग्रहणे च जले स्थित्वा नदीतीरे विशेषतः ।
अश्वमेधशतं पुण्यं ब्रह्मलोके गमिष्यति ॥ ६॥

इति श्री स्कन्दपुराणे उत्तरखण्डे श्रीउमामहेश्वरसंवादे
श्रीरामद्वादशनामस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।


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Shiv

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