सारद सेस महेस बिधि आगम निगम पुरान। नेति नेति कहि जासु गुन करहिं निरंतर गान॥12॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
दोहा 12 | Dohas 12
सारद सेस महेस बिधि आगम निगम पुरान।
नेति नेति कहि जासु गुन करहिं निरंतर गान॥12॥
भावार्थ:-सरस्वतीजी, शेषजी, शिवजी, ब्रह्माजी, शास्त्र, वेद और पुराण- ये सब ‘नेति-नेति’ कहकर (पार नहीं पाकर ‘ऐसा नहीं’, ऐसा नहीं कहते हुए) सदा जिनका गुणगान किया करते हैं॥12॥
sārada sēsa mahēsa bidhi āgama nigama purāna.
nēti nēti kahi jāsu guna karahiṃ niraṃtara gāna..12..
Goddess Sarasvati Sesa (the thousand-headed serpent-god), the great Lord Siva, Brahma (the Creator), the agamas (Tantras), the Vedas and the Puranas unceasingly sing His virtues, saying ‘not that’, ‘not that’.