सुनहु सभासद सकल मुनिंदा। कही सुनी जिन्ह संकर निंदा॥ सो फलु तुरत लहब सब काहूँ। भली भाँति पछिताब पिताहूँ॥1॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
चौपाई (63.1) | Caupāī (63.1)
सुनहु सभासद सकल मुनिंदा। कही सुनी जिन्ह संकर निंदा॥
सो फलु तुरत लहब सब काहूँ। भली भाँति पछिताब पिताहूँ॥1॥
भावार्थ:-हे सभासदों और सब मुनीश्वरो! सुनो। जिन लोगों ने यहाँ शिवजी की निंदा की या सुनी है, उन सबको उसका फल तुरंत ही मिलेगा और मेरे पिता दक्ष भी भलीभाँति पछताएँगे॥1॥
sunahu sabhāsada sakala muniṃdā. kahī sunī jinha saṃkara niṃdā..
sō phalu turata lahaba saba kāhūom. bhalī bhāomti pachitāba pitāhūom..
Hear ye elders of the assembly and all great sages! All of you who have reviled Sarkara or heard Him reviled must forthwith reap the fruit of your sin and My father too shall fully repent.