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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

सुनि रघुपति के बचन सुहाए। मुनि तन पुलक नयन भरि आए॥ कहहु कवन प्रभु कै असि रीती। सेवक पर ममता अरु प्रीती॥1॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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श्री अरण्यकाण्ड | Shri Aranya-Kand

चौपाई

सुनि रघुपति के बचन सुहाए। मुनि तन पुलक नयन भरि आए॥
कहहु कवन प्रभु कै असि रीती। सेवक पर ममता अरु प्रीती॥1॥

भावार्थ:

श्री रघुनाथजी के सुंदर वचन सुनकर मुनि का शरीर पुलकित हो गया और नेत्र (प्रेमाश्रुओं के जल से) भर आए। (वे मन ही मन कहने लगे-) कहो तो किस प्रभु की ऐसी रीती है, जिसका सेवक पर इतना ममत्व और प्रेम हो॥1॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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