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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

सो कुचालि सब कहँ भइ नीकी। अवधि आस सम जीवनि जी की॥ नतरु लखन सिय राम बियोगा। हहरि मरत सब लोग कुरोगा॥1॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
द्वितीय सोपान | Descent Second
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चौपाई

सो कुचालि सब कहँ भइ नीकी। अवधि आस सम जीवनि जी की॥
नतरु लखन सिय राम बियोगा। हहरि मरत सब लोग कुरोगा॥1॥

भावार्थ:

वह कुचाल भी सबके लिए हितकर हो गई। अवधि की आशा के समान ही वह जीवन के लिए संजीवनी हो गई। नहीं तो (उच्चाटन न होता तो) लक्ष्मणजी, सीताजी और श्री रामचंद्रजी के वियोग रूपी बुरे रोग से सब लोग घबड़ाकर (हाय-हाय करके) मर ही जाते॥1॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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