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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

हियँ सुमिरी सारदा सुहाई। मानस तें मुख पंकज आई॥ बिमल बिबेक धरम नय साली। भरत भारती मंजु मराली॥4॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

 हियँ सुमिरी सारदा सुहाई। मानस तें मुख पंकज आई॥
बिमल बिबेक धरम नय साली। भरत भारती मंजु मराली॥4॥

भावार्थ:

फिर उन्होंने हृदय में सुहावनी सरस्वती का स्मरण किया। वे मानस से (उनके मन रूपी मानसरोवर से) उनके मुखारविंद पर आ विराजीं। निर्मल विवेक, धर्म और नीति से युक्त भरतजी की वाणी सुंदर हंसिनी (के समान गुण-दोष का विवेचन करने वाली) है॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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